-राज्यपाल ने 1118 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की

गंगटोक। सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह एसएमयू परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसएमयू के चांसलर के रूप में अपने संबोधन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज डिग्री प्राप्त करनेवाला छात्रों और उनके माता पिता को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का विश्वास है कि विश्वविद्यालय उत्कृष्टता हासिल करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देना जारी रखेगी। समारोह के दौरान एसएमयू के सभी कलेज के छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयमे स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के 1118 डिग्री प्रदान किया।

राज्यपाल ने संबोधन में समग्र शिक्षा के महत्व को प्रकास डाला जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता, व्यक्तिगत विकास और सामाजिक जिक्वमेदारी शामिल है।  उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा सांस्कृतिक विरासत के भंडार के रूप में काम करती हैं जो आने वाला पीढ़ियों को अपने जड़ों से जुड़ने का उल्लेख किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन काल में हमारा शिक्षा हर तरह से पूर्ण था और इस के कारण हम विश्व गुरू थे। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओ के संरक्षण, चरित्र विकास को बढ़ावा, जीवन मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देने, राष्ट्र-निर्माण और समाज-निर्माण में योगदान देने और छात्रो के लिए काम करने के महत्व पर भी जोर दिया।

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News / 1st Dec 2023

सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह आयोजित

-राज्यपाल ने 1118 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की

गंगटोक। सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह एसएमयू परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसएमयू के चांसलर के रूप में अपने संबोधन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज डिग्री प्राप्त करनेवाला छात्रों और उनके माता पिता को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का विश्वास है कि विश्वविद्यालय उत्कृष्टता हासिल करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देना जारी रखेगी। समारोह के दौरान एसएमयू के सभी कलेज के छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयमे स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के 1118 डिग्री प्रदान किया।

राज्यपाल ने संबोधन में समग्र शिक्षा के महत्व को प्रकास डाला जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता, व्यक्तिगत विकास और सामाजिक जिक्वमेदारी शामिल है।  उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा सांस्कृतिक विरासत के भंडार के रूप में काम करती हैं जो आने वाला पीढ़ियों को अपने जड़ों से जुड़ने का उल्लेख किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन काल में हमारा शिक्षा हर तरह से पूर्ण था और इस के कारण हम विश्व गुरू थे। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओ के संरक्षण, चरित्र विकास को बढ़ावा, जीवन मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देने, राष्ट्र-निर्माण और समाज-निर्माण में योगदान देने और छात्रो के लिए काम करने के महत्व पर भी जोर दिया।

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