ठंड बढ़ने के साथ ही पहाड़ों में बढ़ने लगी पर्यटकों की भीड़
मिरिक (निज संवाददाता)। त्योहारी पर्व के साथ-साथ पहाड़ की रानी दार्जिलिंग में ठंड मौसम तथा पर्यटन मौसम भी शुरु हो गया है। लोग ठिठुरण महसूस करने लगे हैं। कंचनजंघा हिमालय की टलहटी में बसा दार्जिलिंग पहाड़ वैसे तो ब्रिटिसराज से ही पर्यटकीय दृष्टिकोण से प्रक्चयात है। फिलहाल यहां के प्रक्चयात पर्यटकीय केन्द्र बिन्दु चैरास्ता, नाईटिंगल पार्क, पद्मजा नायडू जूलॉजिकल पार्क, हिमालयन माउंटेनिंग इंस्ट्यूटीट (एचएमआई), रोप वे, बतासे, घुम स्टेशन, टाइगर हिल, सर्वरी पार्क, बॉटनिकल पार्क पर्यटकों की भीड़ से लैस है। लेकिन आए दिन पहाड़ में कई जगहों को पर्यटन केन्द्र के रुप में देखा गया है, जिसने पर्यटकीय लिहाज में छोटे समय में ज्यादा चर्चा बटोरी है।
हालांकि, शहर में रहनेवाले लोगों को सुकुन के लिए पहाड़ और यहां के ग्रामीण तथा शांत परिवेश सबसे बेहतर गंतव्य बन गया है। वैसे तो पहाड़ का किसी भी जगह शांत और रहने लायक तो होता ही है, लेकिन पर्यटकों का अपना पसंद का जगह भी होता है। वहीं देश के कोने-कोने से दार्जिलिंग आने पर प्राकृतिक सुन्दरता से लैस अधिकतर जगह उन्हें आकर्षित करता रहता है।
मगर नया पर्यटन गन्तव्य के रुप में यहाँ के कतिपय जगह उनके लिए खास और स्मरणीय बन सकता है।
मिरिक का थर्बु धुपी डांड़ा - यह जगह मिरिक से तीन किलोमीटर दूर स्थित हैम चाय बागानों से घिरे धुपी ड़ाड़ा का प्राकृतिक दृश्य सबसे अलग है। यहां से आसपास के दृश्य लाजवाब दिखाई देता है। भारत नेपाल की सीमा, घुम, कर्सियांग और संदकफु, कंचनजंघा जैसे विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वतमाला का प्रत्यक्ष दृश्यवलोकन कर पाना किसी भी पर्यटक के लिए बरदान से कम नहीं है।
सिमाना गोलटार व्यू प्वाइंट सुकिया पोखरी खंड अंतर्गत पड़ता है और भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित है। यहां से चाय की चुस्की लेते हुए कंचनजंघा पर्वतमाला का प्रत्यक्ष दृश्यवलोकन करना, हरा-भरा जंगल से गुजरना और यहां से प्राकृतिक विविधता का अवलोकन कर सकता है।
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