दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का अविस्मरणीय क्षण
नई शिक्षा नीति भारत के गौरव को परिभाषित करती हुई नीति है - राज्यपाल
गंगटोक। आज सोमवार को एक दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। गंगटोक के चिंतन भवन में द इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट आॅफ इंडिया यूनिवर्सिटी (इक्फाई) के 16वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर सिक्किम विधान सभा अध्यक्ष श्री अरुण उप्रेती, शिक्षा मंत्री श्री कुंगा निमा लेप्चा एवं विशिष्ट महानुभावों, शिक्षाविदों की गरिमामयी उपस्थिति रही। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए राज्यपाल एवं विशिष्ट अतिथियों को फूलों का गुच्छा एवं शाल प्रदान किया गया। वर्तमान भारत की शिक्षा पद्धति पर प्रकाश डालते हुए एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 का भी जिक्र किया जिसमें रैंकिंग के अनुसार भारत 150 विश्वविद्यालयों के साथ सबसे अधिक प्रतिनिधित्व करने वाली शिक्षा प्रणाली है। इसी के साथ सिक्किम में भी शिक्षा के स्तर की प्रशंसा की। राज्यपाल ने बच्चों से अपनी सभी भाषाओं का सक्वमान करते हुए अपनी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया। इस समारोह में को 193 डिग्री प्रदान की गई। राज्यपाल ने सभी को तेयोंगसी सिरिजंगा सावन टोंगनाम और गुरु पूर्णिमा हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए सभी मेडल, उपाधि प्राप्त कर्ताओं, छात्र-छात्राओं को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का अविस्मरणीय क्षण होता है, जो उनके कई वर्षों की मेहनत के पश्चात मिलता है। राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त कर रहे बच्चों का
उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि डिग्री के साथ अपने में आत्मगौरव भरते हुए परिवार, समाज, राष्ट्र, विश्व और पूरी मानवता के कल्याण के लिए कार्य करें। अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्राचीनकाल में हमारी शिक्षा पद्धति हर तरफ से पूर्ण थी और यही कारण है कि हमें विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त था और
देश-विदेशों से लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत आते थे। नई शिक्षा नीति पुनः भारत के गौरव को परिभाषित करती हुई नीति है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रख कर विकसित भारत के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भरता बनाने की की दिशा में अपना योगदान देने और नौकरी प्राप्तकर्ता से अधिक नौकरी
प्रदाता बनने पर भी जोर दिया। छात्र छात्राओं से विशेष रूप से राज्यपाल ने अपने शिक्षकों, अभिभावकों एवं संस्थानों के योगदान का सदा स्मरण करने की बात कही, जिन्होंने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में अनेक कठिनाइयों को झेला है।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं खेल जगत की हस्तियां क्रमशरू पद्मश्री अवार्डी सुश्री किपु छिरिंग लेपचा एवं पद्मश्री एवं अर्जुन अवार्डी तरुणदीप राई को भी सक्वमानित किया गया। इस दौरान सिक्किम राज्य की प्रतिष्ठित हस्तियों को उद्योग उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
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