मुसीबत को मात दे, जरूरतमंदों का सहारा बनीं टुलटुली
सिलीगुड़ी : किसी ने क्या खूब कहा है, वक्त तू कितना भी परेशान कर ले हमें, लेकिन याद रख किसी मोड़ पर तुझे भी बदल देंगे हम।।
इसी युक्ति को चरितार्थ कर रही हैं शहर के नया बाजार निवासी समाजसेविका टुलटुली दत्ता। टुलटुली ने अपनी जिंदगी में तो ढेरों मुसीबतें झेलीं, लेकन हिम्मत कभी नहीं हारी और जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनीं। वह वर्ष 2013 से लगातार जरूरतमंदों को भोजन, कपड़ा, दवा व धनराशि देतीं आ रहीं है।
बकौल टुलटुली कहतीं हैं कि 11 वर्ष पूर्व पति से तलाक हो गया था। उस दौरान स्थिति ऐसी थी कि मुझे कभी-कभी भोजन तक के लिए भी सोचना पड़ता था। लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी और कुछ करने को ठानी। छोटा सा कारोबार शुरू किया और समाजसेवा करने की भी ठान लीं। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखीं। टुलटुली बतातीं हैं कि उसे बहुत सारे गैर सरकारी संगठनों से भी जुड़ने का ऑफर मिला, लेकन वह कभी भी किसी संगठन से नहीं जुड़ीं और स्वतंत्र रूप से सेवा करना ही अपना लक्ष्य बनाया। इस कार्य में पुत्र सम्राट दत्ता उन्हें भरपूर मदद करते हैं। उनका कहना है कि उसे जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा पिता से मिलीं। जब वह छोटी थीं तब से ही देखते आयी थी कि उनके पिता कुछ जरूरतमंदों को प्रतिदिन भोजन कराते थे एवं उनकी मदद करते थे। वृद्ध एवं असहाय लोगों की सेवा के लिए भविष्य में उन्हें एक वद्धाश्रम बनाने की इच्छा है। बहरहाल, टुलटुली के इस नेक इरादे की सभी सराहना कर रहे हैं।
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