नेपाली भाषा में लिखित यात्रा संस्मरण "चिसो मरूभूमितिर " पुस्तक का लोकार्पण
*पुस्तक उत्कृष्ट,पठनीय व ज्ञानवर्धक है : एम. पथिक*
साहित्य अकादमी नेपाली भाषा परामर्श समिति के सदस्य व गोरखा सांस्कृतिक संस्थान कर्सियांग के अध्यक्ष आशा मुखिया लामा द्वारा नेपाली भाषा में लिखित यात्रा संस्मरण "चिसो मरूभूमितिर" (ठंडी मरूभूमि की ओर )पुस्तक का विधिवत लोकार्पण किया गया। पुस्तक का लोकार्पण समारोह में उपस्थित प्रमुख अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एम. पथिक व विशिष्ट अतिथियों में क्रमशः विष्णु ठकुरी,सुदर्शन प्रधान अम्बटे,प्राध्यापक योगेश खाती,लेखिका आशा मुखिया लामा व उनकी पति पारस लामा,कवि विनोद रसाईली,प्रकाश प्रधान,संजीव छेत्री आदि द्वारा सम्मिलित रूपसे किया गया।
गोरखा जन पुस्तकालय में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व गोरखा जन पुस्तकालय के अध्यक्ष पूर्ण गुरूंग निरूपम ने की। समारोह में प्रमुख अतिथि के रूपमें उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार एम. पथिक ने कहा कि आशा मुखिया लामा द्वारा लिखित संस्मरण पुस्तक उत्कृष्ट,पठनीय व ज्ञानवर्धक है। लोकार्पित पुस्तक के ऊपर प्राध्यापक योगेश खाती ने समीक्षात्मक टिप्पणी रखा। पुस्तक की लेखिका आशा मुखिया लामा ने पुस्तक प्रकाशन के औचित्य के बारेमें बताया।
समारोह के आरंभ में पंडित तुलसी अधिकारी के मन्त्रोच्चारण सहित अतिथियों द्वारा माता सरस्वती की तस्वीर में धूप-दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इस दौरान हाल ही दिवंगत बने साहित्यकार अर्जुन प्रधान व तामसांग के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पण भी किया गया। समारोह में स्वागत वक्तव्य डा. अंबिका लामा ने रखा व समारोह का संचालन गोमा सुब्बा ने किया। इस अवसर पर दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के विविध इलाकों से आये साहित्यकारों आदि की विशेष उपस्थिति थी।
समारोह के अंत में लेखिका आशा मुखिया लामा ने इस समारोह को सफल बनाने में अहम भूमिका निर्वाह करनेवालों के प्रति आभार जताया।
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