श्रमिकों के हित में दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के किसी भी पार्टी ने कार्य नहीं किया है :धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे
कर्सियांग से मुरारी लाल पंचम।
शामी लाखांग मोनाष्ट्री,कर्सियांग के धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने एक मुलाकात के दौरान श्रमिक दिवस के औचित्य के बारेमें जानकारी देते हुए कहा कि श्रमिकों की लाल झंडा रक्त से बना हुआ झंडा है। यह झंडा खेंलाची करनेवाली झंडा नहीं है,परंतु खेद की बात यह है कि दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के किसी भी पार्टी ने आजतक श्रमिकों के हित में कार्य नहीं किया है।
चाहे राष्ट्रीय पार्टी हो या क्षेत्रीय पार्टी,आजतक श्रमिकों की हित में किसी ने कार्य नहीं किया है,उन्होंने आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मई दिवस विशेषकर शोक पालन करने का दिन है। यह दिन नाच-गान करने,खुशियां मनाने व भाषण देने का दिन नहीं है।श्रमिक दिवस पालन करने से बेहतर होता दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के संपूर्ण राजनैतिक पार्टी के नेतृत्व मिलकर श्रमिकों के हित व अधिकार दिलाने हेतु कार्य करते।
उन्होंने कहा कि चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों की अवस्था काफी दयनीय है। कार्य अनुरूप उन्हें दिहाड़ी या वेतन आदि नहीं मिलता है। विगत में प्राप्त होनेवाली कई प्रकार के सहूलियतों को बंद कर दिया गया है। जलावन की लकड़ी,राशन,गमबूट,बरसाती आदि की व्यवस्था प्रायः समाप्त कर दिया गया है। आज के जमाने में भी श्रमिक को गमबूट खरीदने के लिए 60 रूपये मिलता है। उन्होंने प्रश्न रखते हुए कहा कि क्या 60 रूपये में गमबूट मिलता है?
इसी प्रकार अवकाशप्राप्त श्रमिकों को समय पर ग्रेच्युटि,पेंशन आदि का भुगतान भी नहीं किया जाता है,परंतु इसके बारेमें भी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टी की ओर से किसी भी प्रकार से सकारात्मक पहल नहीं अपनाया जाता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मात्र चुनाव के दौरान श्रमिकों को झूठी आश्वासन देकर कथित रूपसे वोट हथियाने का कार्य किया जाता है,परंतु चुनाव खत्म होने के बाद श्रमिकों को दिये गए आश्वासन मात्र आश्वासन में ही सीमित रह जाता है। यह कार्य रूपमें परिणत नहीं होता है।
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