मन को एकाग्र कर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए : अदिना बाईजी
सिलीगुड़ी। मानव उत्थान सेवा समिति, उत्तर-पूर्वांचल क्षेत्र के मूल सचिव प्रकाश हाँगखिम के निवास स्थान उत्तर पलाश, देविडांगा में संत समागम का आयोजन किया गया। समिति के उत्तर-पूर्वांचल क्षेत्र के अध्यक्ष महात्मा आदिना बाईजी ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य का जन्म ईश्वर का नाम सुमिरण करने के लिए होता है। यह मनुष्य चोला भगवान का असीम कृपा से मिलता है। मनुष्य जीवन में सबको शान्ति चाहिए। इसलिए संतोष परम सुखम कहा गया है। जब तक अध्यात्म ज्ञान न हो, तब तक मनुष्य को संतोष नहीं मिल सकता। यह मन विषय वासनाओं में लगा रहता है। मनुष्य का मन को एकाग्र कर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। जब सांस रूपी धन निकल जाता है तो संसार का तेरा-मेरा समाप्त होता है। इसलिए सांसरूपी धन की कीमत को जनाने के लिए समय के तत्वदर्शी सदगरू के पास जाना पड़ता है। गुरू की कृपा से वह आत्म ज्ञान तथा अजपा नाम का बोध होता है।
महात्मा आदिना बाईजी ने कहा कि प्रकाश हाँगखिम के नवनिर्मित गृह में संत समागम का आयोजन होना अपने आप में एक देवालय हो गया है। जिस घर में संतो का आगमन होता है, वह स्थान पवित्र हो जाता है। इस संत-समागम के अवसर पर समिति के उत्तर-पूर्वांचल की अध्यक्ष महात्मा आदिना बाईजी के साथ सालूगाड़ा के अध्यक्ष महात्मा अक्षरानंदजी , महात्मा सुधर्मा बाईजी, महात्मा देवा बाईजी, महात्मा माहेश्वरी बाईजी, साध्वी प्रियंका बाईजी के अलावा समिति के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता विष्णु प्रधान, सालूगाड़ा के सभापति श्याम गुरुंग उपस्थित रहे। इस अवसर पर भजन कलाकार बिमल राई के साथ ढोलक में शुयेश तिरवा के नेतृत्व में सुमधुर भजन प्रस्तुत किया गया।
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