कर्सियांग के श्री सात कन्या देवी मंदिर की अलग ही है पहचान
हमारा उद्देश्य मंदिर को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है :हेमंत कुमार दर्नाल
कर्सियांग से मुरारी लाल पंचम।
कर्सियांग नगरपालिका के वार्ड नंबर -19 के उजेरी बस्ती स्थित श्री सात कन्या देवी मंदिर की अलग ही पहचान है। चहुंओर हरे जंगल व चाय बागान से घिरे इस मंदिर के गर्भ गृह में माता कात्यायनी प्राकृतिक रूप में विराजमान हैं।
जानकारी अनुसार मंदिर की कोई प्राचीन प्रमाणिक तथ्य नहीं है। परंतु 1920 साल से इस स्थान में पूजा करने का प्रचलन आरंभ किया गया था। कर्सियांग के बर्दवान राज परिवार ने पूजा करना आरंभ किया था।
उस समय इस स्थान में कई चमत्कारिक घटनाएं घटने के कारण इस स्थान में पूजा करनेवालों की संख्या में वृद्धि होने लगी।
इसी क्रम में उजेरी बस्ती के ग्रामवासियों सहित श्रद्धालुओं व भक्तों ने मिलकर वर्ष - 1987 में एक पूजा कमेटी का गठन कर पूजा का शुभारंभ किया।इसके बाद से यहां नौ दिवसीय पूर्णिमा का चंडी पूजा करने का क्रम आरंभ किया गया,जो आजतक प्रति वर्ष करने का क्रम यथावत है। इसी क्रम में इस वर्ष 27 अप्रैल -2023 के दिन से 5 मई तक लगातार नौ दिवसीय चंडी यज्ञ का भव्य आयोजन यहां मंदिर में किया गया है। जानकारी अनुसार वर्तमान में मंदिर में माता का दर्शन करने हेतु कर्सियांग के अलावा दार्जिलिंग,सिलीगुड़ी,कोलकाता,असम,बिहार,झारखंड,नेपाल,
भूटान व अन्य कई इलाकों से श्रद्धालुओं व भक्तों का आगमन होते रहता है।
मंदिर में प्रत्येक पूर्णिमा, विशेष पर्व व तिथि पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। परंतु बैशाख महीने के पूर्णिमा में प्रत्येक वर्ष आयोजन किये जानेवाले नौ दिवसीय चंडी यज्ञ मंदिर का प्रमुख वार्षिक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान में प्रत्येक दिन माता का दर्शन करने हेतु देश - विदेश के विविध इलाकों से अनगिनत श्रद्धालुओं व भक्तों का आगमन होता है।
इस नौ दिवसीय अनुष्ठान में प्रत्येक दिन माता का भव्य श्रृंगार व पूजा किया जाता है। परंतु पूजा के छठे दिन माता का विशेष श्रृंगार,पूजा,84 व्यंजन भोग व महा आरती का भव्य आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर के मुख्य द्वार से असंख्य दीपक प्रज्ज्वलन कर माता कात्यायनी की आराधना की जाती है।
तकरीबन तीन दशक पूर्व सिमित संसाधन से निर्मित यह मंदिर जीर्ण अवस्था में पहुंचने के कारण श्री सात कन्या देवी मंदिर निर्माण समिति का गठन कर माता के भवन को नये व अत्याधुनिक तरीके से पुनः निर्माण करने का संकल्प निर्माण समिति ने लिया था।उसी अनुरूप इस मंदिर का निर्माण भव्यता सहित किया गया है। निर्माण समिति के मंदिर संरक्षक राजेन प्रधान,अध्यक्ष बिक्रम प्रधान,उपाध्यक्ष शुक्र मुखिया,महासचिव हेमंत कुमार दर्नाल व कोषाध्यक्ष रमेश प्रसाद को बनाया गया है।
इसके संदर्भ में जानकारी देते हुए महासचिव हेमंत कुमार दर्नाल ने बताया कि मंदिर परिसर क्षेत्र का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है,बाहरी कई कार्यों में पर्यटकीय स्थल का निर्माण करना,देश के विविध इलाकों से आनेवाले साधु-संतों के विश्राम के लिए कुटीर बनाना व योग केन्द्र ( मेडीटेशन सेंटर) का निर्माण करना आदि बाकी है।यहां मंदिर से कुछ ही दूरी पर मकैबारी चाय बागान में ताज चाय कुटीर रिसोर्ट एंड स्पा स्थित होने के कारण ताज चाय कुटीर से इस मंदिर का नजारा बिल्कुल साफ दिखाई पड़ता है।फलस्वरूप इसके कारण वहां से भी काफी तादाद में श्रद्धालुओं व भक्तों का आवागमन इस मंदिर में होता है। वे लोग इस मंदिर का नजारा देखकर काफी खुश होते हैं।इसलिए
हमारा प्रमुख उद्देश्य है कर्सियांग के उजेरी बस्ती में स्थित इस मंदिर को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना व भक्तों के बीच इस मंदिर के प्रसिद्धि को पहुंचाना।इसलिए इसे ध्यान में रखकर प्रत्येक वर्ष देश के विविध इलाकों से नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में साधु-महात्माओं आदि को बुलाने का कार्य किया जाता है।
गौरतलब है,इस वर्ष मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के चौथे दिन भी मंडप पूजन,चंडी पाठ,रूद्राभिषेक,अखंड यज्ञ,कथा,भजन आदि का कार्य किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में प्रमुख पुरोहित के रूपमें आचार्य पंकज शर्मा शामिल हैं।