*हरीश के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा माल गोदाम श्रमिक संघ : संतोष थोरात*
- कतिपय यूट्यूबरों की मदद से श्रमिकों को गुमराह करने का आरोप
-संतोष बोले, संगठन चंदा राशि के रूप में पांच रुपये के अलावे श्रमिकों से और कुछ नहीं लेता
मुम्बई 26 अगस्त: भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ 1998 से ही श्रमिकों के हक और अधिकारों की लड़ाई रहा है। लेकिन संगठन की आड़ में कुछ लोग रुपये की लालच में संगठन को बदनाम करने का अनैतिक प्रयास कर रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बातें माल गोदाम श्रमिक संघ (महाराष्ट्र ) राज्य सचिव संतोष थोरात ने बोल बनारस के साथ फोन पर शनिवार को बातचीत में कही। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि संगठन किसी से भी नाजायज राशि नहीं लेता है। संगठन सिर्फ श्रमिकों से हर माह पांच रुपये की दर से चंदा लेता है, जिससे संगठन का संचालन किया जाता है। लेकिन इन दिनों कतिपय सामाजिक संगठन नामधारी फेसबुकिया चैनल और यूट्यूबर से जुड़े लोग सुविधा शुल्क वसूली करने की नीयत से संगठन को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, जो किसी कीमत पर भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माल गोदाम श्रमिक संगठन श्रमिकों के खून-पसीने से चल रहा है। अब श्रमिकों को न्याय मिलने का समय आ गया है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व लोगों को गुमराह करने में लगे हैं। लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि श्रमिक उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। संतोष थोरात ने कहा कि कुछ सफेदपोश यूट्यूबर झूठी खबर चलाकर रुपये ऐंठने की कोशिश में लगे रहते हैं। जब वे कामयाब नहीं होते तो मनगढ़ंत झूठी खबरें चलाकर संगठन के लोगों को बदनाम करने की साजिश करने लगते हैं। इसमें यूट्यूबर भी पीछे नहीं रहते। संतोष थोरात ने कहा कि जिस तरह से एक तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता हरीश बेकावड़े ने संगठन पर आरोप लगाया है, वह तथ्यहीन और बेबुनियाद है। उन्होंने बताया कि हरीश द्वारा थाने में शिकायत किये जाने के बाद संगठन के 40 लोगों ने थाने में पहुंच कर अपना पक्ष रखा। बेरोजगारों से पैसे की उगाही का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। संतोष थोरात ने कहा कि संगठन सिर्फ पांच रुपये प्रति माह के हिसाब से चंदा लेता है। अगर श्रमिक कभी किसी बड़े आयोजन या संगठन का कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो बड़ी राशि की जरूरत होती है, जिसे संगठन के लोग आपस में कुछ अधिक राशि का सहयोग चंदे के रूप में जुटाकर कर करते हैं। उन्होंने कहा कि तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता हरीश बेकावड़े संगठन के लोगों से पैसे वसूली के चक्कर में गुमराह करने में लगे रहते है। किसी भी थाने में हम लोगों के खिलाफ़ या संगठन के ऊपर किसी सदस्य ने कोई शिकायत कभी नहीं की है। यह हरीश बेकावड़े द्वारा पैसे वसूली करने की साजिश का एक हिस्सा है, जिसमें कुछ यूट्यूबर भी शामिल हैं। अगर किसी थाने में मामला दर्ज हुआ है तो हरीश को मीडिया में उसका केस नंबर भी बताना चाहिए। इस तरह से संगठन को बदनाम करने की उनकी मंशा कभी भी सफल नहीं होगी। जब श्रमिकों की मांग को अंजाम तक पहुंचाने का समय आता है तो ऐसे ही कुछ असामाजिक तत्व संगठन की आड़ में आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर देते हैं। लेकिन श्रमिक संघ पूरी ईमानदारी के साथ श्रमिकों की मांगों को अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेगा और ऐसे असामाजिक तत्वों को समय आने पर मुंहतोड़ जवाब देगा।
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