तीस्ता क्षेत्र में आयी विनाशकारी बाढ़ को आजतक सरकार आपदा घोषित नहीं किया है :धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे
विगत 4 अक्टूबर -2023 के दिन तीस्ता क्षेत्र में आयी विनाशकारी बाढ़ को आजतक सरकार द्वारा आपदा (डिजास्टर) घोषणा नहीं करने का आरोप शामी लाखांग मोनाष्ट्री कर्सियांग के धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने लगाया है।
पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने कहा कि जीटीए के प्रमुख कार्यपाल एक सरकारी व्यक्तित्व होने के कारण वे सरकार से मिलकर सही कार्य कर रहे हैं,परंतु जीटीए भी नहीं चाहता है कि इस विनाशकारी बाढ़ को आपदा घोषित किया जाये।
उन्होंने कहा कि मैं स्वयं व दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट केंद्र सरकार से राहत पैकेज दिलाने के लिए पहल कर चुके हैं,परंतु जबतक सरकार द्वारा इसे आपदा घोषित नहीं किया जायेगा,तबतक राहत पैकेज मिलना संभव नहीं है।
उन्होंने कर्सियांग के विधायक का नाम लिये वगैर एक गद्दार का कथित संज्ञा देते हुए कहा कि आजतक जनहित में कर्सियांग के विधायक ने कुछ नहीं किया है। सांसद राजू विष्ट ने उन्हें विधायक बनाने का कार्य किया,परंतु वे तो जनहित में कार्य करने के बदले मात्र राजू विष्ट की बुराई करने में लगे रहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्सियांग क्षेत्र के कई चाय बागान बंद हुए। कई क्षेत्र में बरसाती मौसम के दौरान भूस्खलन आयी,परंतु इसके बारेमें कर्सियांग के विधायक को पता तक नहीं है। कारण वे जनहित में कार्य नहीं करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक को सरकार की ओर से श्रमिकों को प्रदान करने खातिर मिली कपड़े आदि कहां पहुंचा? आजतक किसी को पता तक नहीं है। दार्जिलिंग के विधायक तो कार्य करते हैं,परंतु कर्सियांग के विधायक कुछ नहीं करते हैं।
उन्होंने बताया कि तीस्ता क्षेत्र में राजू विष्ट ने पांच मकान बनाने का वचन दिया है। मैंने स्वंय भी अपनी ओर से दस मकान बनाने का वचन दिया हूं। इसका कार्य यथाशीघ्र आरंभ किया जायेगा।
जीटीए रिलीफ फंड का जिक्र करते हुए धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने कहा कि हाल ही बंद रहे कई चाय बागानों के श्रमिकों को इस फंड में से कुछ हदतक बोनस के नाम में वितरण करने का कार्य किया गया।परंतु यह फंड तो श्रमिक रिलीफ फंड है न कि जीटीए रिलीफ फंड। कारण कोरोना काल में इस फंड को जीटीए रिलीफ फंड के नाम में श्रमिकों के हित में उठाने का कार्य किया गया था। इसी फंड से बोनस के नाम में श्रमिकों को देकर 17-18 करोड़ रुपये बोनस का चाय बागानों के मालिकों से मिलकर कथित रूपसे बचाने का आरोप भी उन्होंने लगाते हुए कहा कि यहां नाटक मात्र किया जा रहा है।श्रमिकों के लिए संग्रहित राशि पर भी यहां लोगों को बुड़बक बनाकर राजनीति करने का कार्य हो रहा है।
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