जोशिमठ मे प्रकृति का कहर लगातार जारी है। जोशिमठ मे जारी भूमि धँसाव के कारण हिमालय की गोद मे बसे शहरों मे भी आतंक फैला हुआ है। इतिहास देख लीजिये प्रकृति को चुनौती मानव के लिए हमेशा विनाशकरी ही रहा है। तो क्या हिमालय अपने ऊपर बढ़ रहे दबाव को कम करने का संकेत दे रहा है? या फिर सामरिक दृष्टिकोण से अपने अस्तित्व का एहसास करा रहा है? जोशिमठ घटना और हिमालय को पर्यटन केंद्र बनाने को लेकर गुरु महर्षि मेंहीं परम हंस के भागलपुर कुप्पाघाट आश्रम के प्रचारक स्वामी सत्यप्रकाश क्या कहते हैं सुनिए.......
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