गंगटोक। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सिक्किम ने गरीबी में सबसे तेजी से कमी लाने वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई। कहा कि सिक्किम को जैविक खेती में वैश्विक ब्रांड नाम बना दिया। सिक्किम 1994 से ही कई प्रगतिशील पर्यावरण कार्यक्रमों के साथ पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा। श्री चामलिंग ने कहा कि पर्यावरण और जैविक कृषि क्षेत्र में हमारी प्रगति के कारण हमें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले जैसे 2016 में सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड, 2017 में वन वल्र्ड अवार्ड और 2018 में फ्यूचर पाॅलिसी गोल्ड अवार्ड। हमारे कार्यकाल की एक और पहचान समावेशी राजनीति थी, जिसने यह सुनिश्चित किया कि सिक्किम समाज के सभी समुदायों को अपने जीवन में सफल होने के लिए समान अवसर दिए जाए। 12 दिसंबर 1994 के दिन ही एसडीएफ पार्टी ने सिक्किम में सरकार बनाई थी। इसको लेकर एसडीएफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अपने कार्यकाल को अविस्मरणीय बताया है।

एसडीएफ के कार्यकाल के दौरान, सिक्किम में फार्मा और हाइड्रो पावर से लेकर शिक्षा क्षेत्र में उछाल तक उद्योगों में भी वृद्धि देखी गई। हम मणिपाल विश्वविद्यालय और एसआरएम विश्वविद्यालय जैसे देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान सिक्किम में लाए। एसडीएफ सरकार के गठन दिवस पर चामलिंग ने एसडीएफ पार्टी और सभी नेताओं की ओर से, जिन्हें सिक्किम की सेवा करने का सौभाग्य मिला है, अपने भविष्य के लिए हम पर भरोसा करने के लिए सिक्किम के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

विज्ञप्ति के माध्यम से अध्यक्ष पवन चामलिंग ने कहा है कि एसडीएफ के 25 वर्षों के शासन की यह अवधि सिक्किम के लिए एक स्वर्ण युग रही है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में हमने सिक्किम को सबसे गरीब राज्यों में से एक से भारत में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में से एक बना दिया। सिक्किम को लैंगिक भेदभाव मुक्त राज्य बनाने से लेकर सभी समुदायों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने तक, सिक्किम समावेशी राजनीति का एक उदाहरण बन गया। कहा कि सिक्किम में हमने प्रत्येक समुदाय के लिए नौकरी में आरक्षण भी सुनिश्चित किया। इसी समय के दौरान सिक्किम औद्योगीकरण और तेजी से आर्थिक विकास की प्रक्रिया से गुजरा। हमारा जीएसडीपी 1994 में 440.34 करोड़ से बढ़कर 2019 में 26,786 करोड़ हो गया। राज्य का अपना राजस्व 1994 में 42.76 करोड़ से बढ़कर 2019 में 1500 करोड़ हो गया।

 

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News / 12th Dec 2023

एसडीएफ के 25 वर्षों के शासन की अवधि सिक्किम के लिए एक स्वर्ण युग रहा है- चामलिंग

गंगटोक। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सिक्किम ने गरीबी में सबसे तेजी से कमी लाने वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई। कहा कि सिक्किम को जैविक खेती में वैश्विक ब्रांड नाम बना दिया। सिक्किम 1994 से ही कई प्रगतिशील पर्यावरण कार्यक्रमों के साथ पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा। श्री चामलिंग ने कहा कि पर्यावरण और जैविक कृषि क्षेत्र में हमारी प्रगति के कारण हमें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले जैसे 2016 में सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड, 2017 में वन वल्र्ड अवार्ड और 2018 में फ्यूचर पाॅलिसी गोल्ड अवार्ड। हमारे कार्यकाल की एक और पहचान समावेशी राजनीति थी, जिसने यह सुनिश्चित किया कि सिक्किम समाज के सभी समुदायों को अपने जीवन में सफल होने के लिए समान अवसर दिए जाए। 12 दिसंबर 1994 के दिन ही एसडीएफ पार्टी ने सिक्किम में सरकार बनाई थी। इसको लेकर एसडीएफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अपने कार्यकाल को अविस्मरणीय बताया है।

एसडीएफ के कार्यकाल के दौरान, सिक्किम में फार्मा और हाइड्रो पावर से लेकर शिक्षा क्षेत्र में उछाल तक उद्योगों में भी वृद्धि देखी गई। हम मणिपाल विश्वविद्यालय और एसआरएम विश्वविद्यालय जैसे देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान सिक्किम में लाए। एसडीएफ सरकार के गठन दिवस पर चामलिंग ने एसडीएफ पार्टी और सभी नेताओं की ओर से, जिन्हें सिक्किम की सेवा करने का सौभाग्य मिला है, अपने भविष्य के लिए हम पर भरोसा करने के लिए सिक्किम के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

विज्ञप्ति के माध्यम से अध्यक्ष पवन चामलिंग ने कहा है कि एसडीएफ के 25 वर्षों के शासन की यह अवधि सिक्किम के लिए एक स्वर्ण युग रही है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में हमने सिक्किम को सबसे गरीब राज्यों में से एक से भारत में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में से एक बना दिया। सिक्किम को लैंगिक भेदभाव मुक्त राज्य बनाने से लेकर सभी समुदायों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने तक, सिक्किम समावेशी राजनीति का एक उदाहरण बन गया। कहा कि सिक्किम में हमने प्रत्येक समुदाय के लिए नौकरी में आरक्षण भी सुनिश्चित किया। इसी समय के दौरान सिक्किम औद्योगीकरण और तेजी से आर्थिक विकास की प्रक्रिया से गुजरा। हमारा जीएसडीपी 1994 में 440.34 करोड़ से बढ़कर 2019 में 26,786 करोड़ हो गया। राज्य का अपना राजस्व 1994 में 42.76 करोड़ से बढ़कर 2019 में 1500 करोड़ हो गया।

 

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