Trending
News / 12th May 2023

पंचायत चुनाव में किसी पार्टी की नहीं,बल्कि गांव के सचेत नागरिक की जीत आवश्यक है :धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे  

केंद्र व राज्य सरकार दोनों गोरखाओं के सपने को लेकर उदासीन नीति अपनाने का कार्य करती है 
--------------------------------------------
कर्सियांग से मुरारी लाल पंचम।

इस वर्ष संपन्न होनेवाले पंचायत चुनाव का जिक्र करते हुए शामी लाखांग मोनाष्ट्री कर्सियांग के धर्मगुरु पेंबा रिम्पोछे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस वर्ष संपन्न होनेवाले पंचायत चुनाव में किसी पार्टी की नहीं,बल्कि गांव के सचेत नागरिक की जीत आवश्यक है। यदि इस प्रकार से पंचायत चुनाव में सचेत नागरिकों की जीत हुई तो,दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के पूरानी गरिमा को लौटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में शोषण की राजनीति मात्र हो रही है। यहां सीधे-साधे जनता को मात्र बरगलाने का कथित कार्य किया जा रहा है। दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र की राजनीति बिल्कुल डांवाडोल स्थिति में है। यहां जिस प्रकार से राजनीति करने का कार्य किया जाता है,उसे मैं राजनीति नहीं समझता। यहां शोषण व कुटनीति की राजनीति बरकरार है।
उन्होंने कहा कि मैं एक धर्मगुरु होने के नाते समाज के लोगों की हित में आवाज उठाने का कार्य करता हूं। हाल ही में मैंने चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों के पेंशन व ग्रेच्युटि आदि के बारेमें आवाज उठाने का कार्य किया था। आवाज उठते ही कुछ हदतक इस समस्या का समाधान हुआ।
अलग राज्य गोरखालैंड की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखाओं के सपने को अपना सपना बताया था,परंतु आजतक वह सपना साकार नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार दोनों गोरखाओं के सपने को लेकर उदासीन नीति अपनाने का कार्य करती है। इसलिए गोरखाओं के समस्या का समाधान नहीं हो पाता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं के उदासीन नीति के कारण ही आजतक इस क्षेत्र के समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।फलस्वरूप बेरोजगारी की समस्या में वृद्धि होने के कारण गांव-बस्ती क्षेत्र के अधिकतर लोग नौकरी की फिराक में पलायन हो रहे हैं।
बातचीत के दौरान उन्होंने दार्जिलिंग नगरपालिका का जिक्र करते हुए कहा कि दार्जिलिंग नगरपालिका की स्थिति वर्तमान में डांवांडोल है। यहां की स्थिति को सुधार करने के लिए लोगों ने एक नई पार्टी को जीत दिलाकर बैठाया था,परंतु बोर्ड गठन होने के कुछ दिनों बाद ही अधिकतर नगर पार्षद कथित रूपसे बिक्री हो गये। उसके बाद दूसरे पार्टी ने बोर्ड गठन कर लिया।परंतु ऐसी प्रक्रिया पर सरकार को रोक लगानी चाहिए। यदि चुनाव में जीत हासिल किये हुए नगर पार्षद या अन्य नेतृत्व दूसरे पार्टी में शामिल होते हैं तो,उस स्थान पर पुनः मतदान कर नई प्रतिनिधि को चयन करना चाहिए। ऐसा करने से इस प्रक्रिया पर सुधार आयेगा व लोगों से भी धोखाधड़ी नहीं हो पायेगा।

Leave a comment

Newsletter

Email subscription is an opportunity to receive an interesting newsletter from our website

Trending

We are not about too much noise and too little content. We are about in-depth information and analysis on all issues and developments in society and in the field of art, culture, sports, read more

© All Rights Reserved. Designed by NETDEMI