ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने चलाया जागरूकता कार्यक्रम
सिलीगुड़ी (निज संवाददाता)। ध्वनि प्रदूषण के पानीटंकी ट्रैफिक गार्ड की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। इसका आयोजन शुक्रवार की दोपहर दो बजे सिलीगुडी जिला अस्पताल के समीप लोगों को जागरुक करके किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में सिलीगुड़ी बॉयज हाइ स्कूल के लगभग 25 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर सुदीप दत्ता खासतौर मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान लोगों को ध्वनि प्रदूषण नहीं करने की सलाह दी गयी।
इस क्रम में पुलिस अधिकारी ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव-जन्तुओं को परेशानी होती है। इसमें यातायात के दौरान उत्पन्न होने वाला शोर मुख्य कारण है। जनसंख्या और विकास के साथ ही यातायात और वाहनों की संख्या में भी वृद्धि होती है, जिसके कारण यातायात के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ने लगता है। शोर से सुनने की शक्ति भी चले जाने का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि शोर स्वास्थ्य प्रभाव दोनों की प्रकृति स्वास्थ्य और व्यवहार जैसी होती है। पसंद न की जाने वाली ध्वनि को ध्वनि शोर-शराबा कहा जाता है। यह अवांछित ध्वनि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकती है। ध्वनिक प्रदूषण चिड़चिड़ापन एवं आक्रामकता के अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, तनाव, कर्णक्ष्वेड, श्रवण शक्ति का ह्रास, नींद में गड़बड़ी और अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है। इसके अलावा, तनाव और उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमुख हैं, जबकि कर्णक्ष्वेड स्मृति खोना, गंभीर अवसाद और कई बार असमंजस के दौरे पैदा कर सकता है।
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